Economics जिसे हिन्दी में अर्थशास्त्र कहते हैं, सामाजिक विज्ञान है जो वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण और खपत का अध्ययन करता है । अर्थशास्त्र सीमित संसाधनों के साथ असीमित जरूरतों को पूरा करने के तरीके ढूंढता है ।
हम सभी को पता है कि दुनिया में कुछ भी Unlimited यानि असीमित नहीं है । ज्यादातर प्राकृतिक संसाधन सीमित मात्रा में ही दुनिया में बचे हैं । अर्थशास्त्र यह अध्ययन करता है कि उन सीमित संसाधनों से किस प्रकार असीमित मांगों की पूर्ति की जा सकती है । अर्थशास्त्र की यह भी जिम्मेदारी है कि वह सीमित संसाधनों के सबसे बेहतर इस्तेमाल का रास्ता प्रशस्त करे ।
अक्सर लोग सोचते हैं कि Economics की अगर बात की जा रही है तो यह अवश्य ही रुपए या मुद्रा से संबंधित होगा । जबकि ऐसा बिल्कुल भी आवश्यक नहीं है । हम रोजमर्रा के जीवन में कई फैसले लेते हैं और उनमें से कई फैसले मुद्रा या रुपयों से संबंधित न होते हुए भी अर्थशास्त्र से जुड़ा होता है ।
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